25 Dec Daily Panchangam| दैनिक पंचांगम् | 24 December 2020
अद्यतनीयम् पञ्चाङ्गम्
शुक्रवासरः मार्गशीर्ष मासः शुक्ल पक्षः एकादशी तिथि अश्विनी एवं भरणी नक्षत्रम् शिव-सिद्ध योग: वणिज-विष्टी करणम् २०७७ प्रमादी नाम सम्वत्सरः वैवस्वत मन्वन्तर: श्वेतवराह कल्प: सर्वेभ्यः मङ्गलकरः भवतु।
श्रीमद्भगवत्गीता जयन्ति, मोक्षदा एकादशी, वैकुण्ठ एकादशी
कामैस्तैस्तैर्हृतज्ञानाः प्रपद्यन्तेऽन्यदेवताः ।
तं तं नियममास्थाय प्रकृत्या नियताः स्वया ॥७, २०।।
अर्थ – जिन मनुष्यों का ज्ञान सांसारिक कामनाओं के द्वारा नष्ट हो चुका है, वे लोग अपने-अपने स्वभाव के अनुसार पूर्व जन्मों के अर्जित संस्कारों के कारण प्रकृति के नियमों के वश में होकर अन्य देवी-देवताओं की शरण में जाते हैं अथवा देवताओं में भेद करता है।
विशेषार्थ – हमारे ग्रन्थों में अनन्य भक्ति की बड़े आदर से चर्चा हुई है अनन्य भक्ति वास्तव में शंकराचार्य के अद्वैतवाद जैसी ही है। अनन्य भक्ति का अर्थ है कि सभी देवता मेरे ही ईष्ट देवता का ही दूसरा रूप हैं अन्य कुछ है ही नहीं, अर्थात् एक ईष्ट देवता की उपासना करते दूसरे देवताओं में भी समान भक्ति रखना ही अनन्य भक्ति(अन्य न – अनन्य) है। अपने देवता को दूसरे देवताओं से श्रेष्ठ सिद्ध करने का प्रयत्न करना अनन्य भक्ति के विरुद्ध है।
No Comments