21 Sep Daily Panchangam| दैनिक पंचांगम् |21th September 2020
अद्यतनीयम् पञ्चाङ्गम्
सोमवासरः अश्विन(अधिक) मासः शुक्ल पक्षः पञ्चमी तिथि विशाखा नक्षत्रम् वैधृति योग: बव करणम् २०७७ प्रमादी नाम सम्वत्सरः वैवस्वत मन्वन्तर: श्वेतवराह कल्प: सर्वेभ्यः मङ्गलकरः भवतु।
न चोर हार्यं न च राज हार्यं न भ्रातृ भाज्यं न च भारकारी।
व्यये कृते वर्धति एव नित्यं विद्याधनं सर्वधनप्रधानम्।।
अर्थ – विद्या (ज्ञान) रूपी धन को न चोर चुरा सकता है, न राजा छीन सकता है, तथा न इसका भाइयों में बंटवारा होता है, और ना ही इसे सम्भालना कोई भार है। अर्थात खर्च करने से बढ़ने वाला विद्या रूपी धन सभी धन सम्पदाओं से श्रेष्ठ है मानव को इसे कमाने का प्रयास करना चाहिये।
No Comments